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यदि सुलभता सहित सन्घार व व्यवस्था सहित जीवन में किसी एक को चुनना पडे तो व्यवस्था के साथ जीवन को ही प्रधानता मिलती है और इसके लिये किसी का मत लेने की जरूरत नहीं है क्यों कि सुलभता सहित सन्घार ये सत्य शिकारी प्रक्रति को प्रस्तुत करता है जबकी व्यवस्था इसके विपरीत मानवता को प्रधानता देती है जिसका आधार सत्य शिकार व प्रक्रति को बहुत ज्यादा जरूरी होने पर बचाव, विकास, पुनर्स्थापना विज्ञान व व्यवस्था हेतु ही विधि विधान मार्ग दर्शिका के तैहैत पूर्ण ध्यान व सुरक्षा रख विषेषग़्यों की नजरों के सामने व देख रेख में ही किया जाता है 

इसका सीधा सा सरल सिद्धान्त है कि आप को अपनी जीवन शैली जीने के आधार पर अधिकार प्राप्त होने के उपरान्त उत्तरदायित्व, जिम्मेदारी, कर्तव्य, ड्यूटी के तैहैत श्रम देने व श्रम समान तत्व को समय पर देना है 

आज अवैध धन सन्घारी कुव्यवस्था के तैहैत बिखरा हुआ है जो सन्घारों का कारण है जिसकी ताकत सैन्य शक्ति से कई गुना अधिक साबित करने के षडयन्त्रों को जारी रख फ़ैलाया व भ्रमित करने का अपराध करना जारी है 

पीछे की जा चुकी शुद्ध वैध धन व्यवस्था को श्रिष्टि में प्रत्येक प्राणी के लिये उपलब्ध करने के लिये पुन: विकसित कर स्मरण करा प्रस्तुत किया गया है 

मौजूदा सभी मानवों व उनके पालतू जानवरों व पेड पौधों, फ़ल, काम, मरम्मत, निर्माण, विकास, आदि हेतु धन वितरण जारी है जो उमर लिन्ग वैवाहिक व अकेले आदि वर्गों अनुसार वर्गीक्रित कर जारी है 

औसतन करीब 8 अरब मानवों व उनके तैहैत प्रति मानव के लिये 3लाख 60हज़ार सालना जमा किया जा चुका है साथ ही प्रषिक्षण-ड्यूटी व अन्य करीब 60 हज़ार अधिकारों को देते रैहैने की व्यवस्था जारी है 

ये वितरण साइवर व मैनुअल दौनौ तरह से सीधा आप के मोबाइल घर व कार्यालय पर वितरित किया जा रहा है 

सवालों के तैहैत ज़रूरत अनुसार आप धन प्राप्त कर श्रम व लाभ कर उस लाभ से अपनी मन चाही जीवन सैली व्यवस्थित कर सकते है 

व्यवस्था का अपमान दन्ड योग्य अपराध है जो मानव के मानवीय पद को पद च्युत कर उसके साथ वैध रूप से अशिक्षित, अयोग्य, कैदियों व निरर्थक प्राणीयों जैसा बर्ताव करने की व्यवस्था को अधिकार देता है 


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